मैं पड़ा हूँ पड़ा ही रहता हूँ क्योंकि मैं अब पूरी तरह से बूढ़ा हो चुका हूँ। मैं पड़ा हूँ पड़ा ही रहता हूँ क्योंकि मैं अब पूरी तरह से बूढ़ा हो चुका हूँ।
कलम की स्याही जब कागज पर उतरती है वो दिल के रास्ते से होकर ही गुजराती होगी। कलम की स्याही जब कागज पर उतरती है वो दिल के रास्ते से होकर ही गुजराती होगी।
और "साहील" वो समझा की, मुझे अपनेदम हराया था। और "साहील" वो समझा की, मुझे अपनेदम हराया था।
एक दिन बेटे ने मांगी मुझसे एक सफ़ाई, कि पापा किस भाषा में की है आपने पढ़ाई ? एक दिन बेटे ने मांगी मुझसे एक सफ़ाई, कि पापा किस भाषा में की है आपने पढ़ाई ?
मैं सोचता हूँ, बहुत सोचता हूँ फिर सोचता हूँ कि क्यों सोचता हूँ। मैं सोचता हूँ, बहुत सोचता हूँ फिर सोचता हूँ कि क्यों सोचता हूँ।
आशा और उम्मीदों के धागों को जोड़ों कोशिशों से जब तक है सांसें बुलंद रखो इरादे। आशा और उम्मीदों के धागों को जोड़ों कोशिशों से जब तक है सांसें बुलंद र...